अमन त्रिवेदी की रिपोर्ट
बिधूना: सड़कों व गलियों में मवेशी भूखे-प्यासे न भटके। उन्हें सुरक्षित करने के लिए अस्थाई गोशाला व आश्रय स्थलों पर पहुंचाया जाए। यह बातें सिर्फ कागजी है। धरातल पर कुछ नहीं।
यही वजह है कि विकास खंड बिधूना की ग्राम पंचायत डोंडापुर में बनी अस्थायी गोशाला सिर्फ इसलिए खाली करा दी गई कि यहां ग्राम प्रधान ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। खंड विकास अधिकारी, सचिव व
प्रशासनिक अधिकारियों ने भी यहां लापरवाही बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। समझाने की जगह हाथ खड़े कर लिए।
ग्राम पंचायत डोंडापुर में बनी अस्थाई गोशाला में एक भी मवेशी वर्तमान में नहीं हैं। यहां से 58 मवेशियों को मढोकमीत, निवादाधांधू और अलीपुर गोशाला भेजा गया है। खंड विकास अधिकारी जितेंद्र बाबू
यादव ने बताया कि ग्राम प्रधान की ओर से सहयोग न मिलने पर ऐसा किया गया। मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह की ओर से इस बाबत लिखित निर्देश मिले थे। ऐसे में अब सवाल उठता है कि
आखिर प्रधान को समझाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। मवेशियों को इधर से उधर कर सिर्फ अपनी-अपनी गर्दन बचाने का प्रयास कर लिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि मार्च से यह गोशाला खाली
है। भेजे गए मवेशियों को वापस नहीं लाया गया।