सत्ता की चाहता में नियम कानून को ताख पर रख बेलगाम दौड़ रहे है छुटभैया नेता -: सतेन्द्र सेंगर “राष्ट्रीय अध्यक्ष मीडिया अधिकार मंच भारत
??चुनावी दौर में नजर आने वाले व्यक्ति एवं राजनैतिक पार्टी दोनों अभिशाप है -: सतेन्द्र सेंगर
उ.प्र. में बिधानसभा चुनाव आते ही बरसाती मेढकों की भांति राजनैतिक पार्टियों उभर कर समाज के सामने आ गई है, आज कल अक्सर देखने को मिल रहा हैकि हाल में ही कोविड जैसी घातक महामारी से जन मानस की आर्थिक शारीरिक एवं मानसिक रूप से गृस्त है, वहीं उ.प्र. में बिधानसभा चुनाव आते ही राजनीतिक दलों बाढ़ सी आ गई है और छुटभैया नेता सत्ता की लालच में तरह तरह के रूप बदलकर अपने अपने शुरों में वोटरों को लुभाने का प्रयास में लगे है, बता दूँ कि अभी तो राजनीति दलों के दावेदार प्रत्याशियों की होड़ लगी है जोकि आज से पहले वह समाज वह क्षेत्र में नजर नही आते थे जोकि सत्ता के लालच में अपने आपको सबसे काबिल एवं समाज सेवी सावित करने के प्रयास में लगे है, वास्तव में चुनावी दौर में सत्ता की चाहता में अनगिनत लोग लाखों रूपये का डीजल पेट्रोल को धुआँ में उठा देते है, और चुनाव होनें के बाद पुनः वह अपने अपने बिलों में छुप जाते है जिन्हें ना तो समाज से कोई मतलब है ना ही क्षेत्र के बिकास से कोई सरोकार है, चुनावी दौर में नजर आने वाले व्यक्ति एवं राजनैतिक पार्टी दोनों ही समाज के लिये अभिशाप है जोकि अपने सत्ता के प्रलोभन में हजारों लाखों रूपये को धुँआ में उड़ाते नजर आ रहा है, आज कल सहरों व कस्बों में देखा जा रहा हैकि राजनैतिक पार्टियों के चुनावी वर्चस्व को लेकर निकाली जा रहे मोटर साईकिल रैलियां जोकि यातायात नियमों का सरेआम धज्जियाँ उठा रहे है, इन रैलियों के संयोजक सहित रैली में शामिल मोटर साईकिल चालक जोकि हवा की भाँती तेज रफ्तार में बिना हेलमिट तीन तीन सवारिया बैठाकर शहर कस्बों की घनी आवादी वाले इलाके में दौड़ रहे है, ऐसे रैलियों के संयोजक एवं रैली में शामिल यातायात नियमों के उल्लंघन करने वाले पर डंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिये,