आज की भाग-दौड़ और टेंशन भरी जिंदगी में देर रात तक नींद न आना एक आम समस्या बनकर रह गयी है। मगर क्या आपको पता है, कि नींद न आना भी कई बीमारियों की जड़ है। नींद ठीक से आने पर दिनभर सिर भारी रहना, उबासियां आना, मन न लगना व इसी तरह की कई परेशानी होती रहती हैं।
मानसिक तनाव नींद न आने का एक कारण है
क्या करें –
1- रात्रि भोजन करने के बाद 15 से 20 मिनट धीमी चाल से सैर कर लेने के बाद ही बिस्तर पर जाने की आदत बना लें। इससे पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहेगी और अच्छी नींद भी आएगी।
2- अगर तनाव की वजह से नींद नहीं आ रही हो या फिर मन में घबराहट सी हो तब अपना मन पसंद संगीत सुनें या फिर अच्छा साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकें पढ़ें, ऐसा करने से मन में शांति का भाव आएगा, जो गहरी नींद में काफी सहायक होता है।
3- अपना बेड मन-मुताबिक ही चुनें और जिस मुद्रा में आपको सोने में आराम महसूस होता हो, उसी मुद्रा में पहले सोने की कोशिश करें। अनचाही मुद्रा में सोने से शरीर की थकावट बनी रहती है, जो नींद में बाधा उत्पन्न करती है।
4- हाथ-पैर मुँह स्वच्छ जल से धोकर बिस्तर पर जायें, इससे नींद आने में कठिनाई नहीं होगी।
5- सोते समय दिनभर का घटनाक्रम को न सोचें। सारी बातें सुबह तक के लिए छोड़ दें।
6- योग चिकित्सक की सलाह लेकर शवासन का अभ्यास करें और रात को सोते वक्त शवासन करें। इससे पूरे शरीर की माँसपेशियों का तनाव निकल जाता है और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिस कारण आसानी से नींद आ जाती है।
अच्छी नींद के लिए कमरे का हवादार होना भी जरूरी है।
अगर मौसम बाहर सोने के अनुकूल है तो छत पर या बाहर सोने को प्राथमिकता दें। कमरे में कूलर-पँखा या फिर एयर कंडीशनर का शोर ज्यादा रहता है, तो इनकी भी मरम्मत करवा लेनी चाहिए, क्योंकि शोर से मस्तिष्क उत्तेजित रहता है, जिस कारण निद्रा में बाधा पड़ जाती है।
काफी प्रयासों के बाद भी अगर नींद नहीं आती है, तो कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपाय का प्रयोग कर सकते हैं।
1- अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, शतावरी, मुलहठी, आँवला, जटामासी, असली खुरासानी, अजवायन प्रत्येक का 50-50 ग्राम बारीक चूर्ण बना लें।
2- रात को सोने के पूर्व 3 से 5 ग्राम मात्रा में दूध के साथ सेवन करें। एक सप्ताह बाद इसका प्रभाव देखें।
3- अनिद्रा नष्ट होकर गहरी स्वाभाविक नींद आने लगती है, स्वप्न भी नहीं आते व उच्च रक्तचाप में भी आराम होता है।
4- नींद की गोली की तरह बेहोशी नहीं आती, बल्कि प्रातः उठते ही ताजगी महसूस होती है।
5- सर्पगंधा, अश्वगंधा और भाँग तीनों सममात्रा में मिलाकर रख लें।
6- इस चूर्ण को रात को सोते समय 3 से 5 ग्राम मात्रा में जल के साथ लें, यह औषधि निरापद है।