
मोदी के ऑप्शन लाल हरेंद्र सिंह जूदेव/कानपुर। जिस वक्त कोरोना दिल खोलकर फैल रहा था, उस समय भाजपा सरकार चुनाव में लीन थी। रैलियां चल रही थीं। देश के प्रधान को लोगों से ज्यादा बंगाल में सरकार बनाने की चिंता थी। इसका परिणाम गंगा किनारे रेत में दबी व नदियों में उतराती लाशें हैं। इसके बाद सोसल मीडिया पर सरकार यानि पीएम मोदी के खिलाफ वार छिड़ गया। पीएम के विरोध के बीच समर्थक कह रहे हैं कि मोदी का विरोध ठीक है, लेकिन उनका ऑप्शन तो बताइए।

हम बताते है आपको। सर्वश्रेष्ठ ऑप्शन हैं रतन टाटा। जिन्होंने भारत को कोरोना मुक्त करने के लिए अपनी सारी संपत्ति खर्च करने तक की बात कह दी है। पिछले वर्ष कोरोना शुरू हुआ था, तब उन्होंने न तो अपने किसी कर्मचारी का वेतन कम किया था, न किसी की छटनी की थी। वह अपनी कमाई का लगभग 80 फीसद हिस्सा अपने कर्मियों पर खर्च करते हैं। दूसरे हैं फिल्मी विलेन व रीयल हीरो सोनू सूद उर्फ भैया जी। बीत वर्ष हो या हाल का समय जब भाजपा चुनावी रैलियों में बंगाल चुनाव जीतने को लीन थी। देश के प्रधान को जनता से ज्यादा चुनाव की चिंता थी। उस समय भैया जी लोगों की ट्विटर के जरिए सीमित संसाधन होने के बावजूद देश के कोने-कोने में मदद कर रहे थे। उनकी वजह से देश में हजारों लोगों की जिंदगी बच गईं। जबकि अपना सर्वशक्तिमान प्रधान सेवक क्या कर रहा था, सारा देश जानता है। आप दोनों ही पीएम पद के योग्य हैं। शासक वही जो जनता के लिए काम करे, न कि राजनीति या अपने लिए। राजा तो बहुत हुए, लेकिन सिर्फ भगवान राम व कृष्ण की लोग पूजा क्यों करते हैं?